भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दर्देसर था सज़द-ए-शामोसहर मेरे लिए / यगाना चंगेज़ी
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:37, 15 जुलाई 2009 का अवतरण
दर्देसर था सजद-ए-शामोसहर मेरे लिए।
दर्देदिल ठहरा दवा-ए-दर्देसर मेरे लिए॥
दर्देदिल के वास्ते पैदा किया इन्सान को।
ज़िन्दगी फिर क्यों हुई है, दर्देसर मेरे लिए॥
फ़ितरते-मजबूर को अपने गुनाहों पै है शक।
वा रहेगा कब तलक तौबा का दर मेरे लिए॥