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देता भी तो क्या देता मैं तुमको / केदारनाथ अग्रवाल

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देता भी तो क्या देता मैं तुमको
प्यार-प्यार ही तो
मैं देता तुमको
वही दिया है-
मैंने तुमको, वरण किया है

आत्म-समर्पित होकर मैंने
सही किया है
बाहु-पाश में
तुम्हें बाँधकर
जीने का सुख लूट लिया है

रचनाकाल: ३०-०५-१९८६