भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

देर / सुनीता शानू

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:35, 9 जुलाई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुनीता शानू |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 बहुत देर के बाद कहा
 तुमने मुझे अपना
 लेकिन अब मै
 किसी और की हो चुकी हूँ...