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नव वर्ष पर / उर्मिल सत्यभूषण

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ईश ऐसा वर्ष आये
हर तरफ उत्कर्ष लाये
पुलक लाये हर्ष लाये
सुखभरा हर परस लाये
रिद्धि की बरसात लाये
सिद्धि की सौगात लाये
नव तरू नवपात लाये
जगमगाती प्रात लाये
सोच सद व्यवहार लाये
दिल में भरकर प्यार लाये
बेदमी में श्वास लाये
बेकसी में आस लाये
सुप्तजन में होश लाये
सबके मन सन्तोष लाये
आदम को चैन लाये
नींद मीठी रैण लाये
बालकों को क्षीर लाये
शुद्ध वायु, नीर लाये
क्षुधित के हित अन्न लाये
निर्धनों को धन लाये
खेतियों की खेप लाये
जख्म को अनुलेप लाये
लहलहाता चमन लाये
युद्ध जाये, अमन लाये
लोक में उल्लास लाये
आपसी विश्वास लाये
तंत्र मे ंईमान लाये
लेखनी संधान लाये
रोशनी के गीत लाये
हर किसी का मीत लाये
मनुज के हित प्रीत लाये
सत्य की नित जीत लाये।