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नहीं है भरोसा शब्दकोष का / मदन गोपाल लढा
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कैसे भरोसा करूँ
शब्दकोष का
ज़रूरी नहीं है
कि शब्द का अर्थ
असल ज़िन्दगी में भी
वही हो
जैसा लिखा होता है
शब्दकोश में।
आपके लिए
हर्ष का मतलब
उत्सव हो सकता है
लेकिन मेरे लिए
इसका अर्थ
फ़गत रोटी है।
आशा का मतलब
मेरे संदर्भ में
इन्तज़ार है
जो आपको
किसी भी शब्दकोष में
नहीं मिलेगा।
शब्दकोष की तरह
नहीं है मेरा जीवन
अकारादि क्रम में
बिखरा हुआ है
बेतरतीब
शब्द पहेली की तरह।
मूल राजस्थानी से अनुवाद : स्वयं कवि द्वारा