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नाच दिखाने आऊँ / मेराज रज़ा

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रंग-बिरंगे पंख सुनहरे,
सबके मन को भाऊँ!

काले-काले बादल नभ में,
घुमड़-घुमड़ कर आए!
सन सन चले हवा सुहानी,
भौंरा गीत सुनाए!
तभी पंख फैलाए अपने,
नाच दिखाने आऊँ!

इंद्रधनुष से रंग चमकते,
सुंदर मेरे पँख!
लगता उनपर बने हुए हों,
नन्हे-नन्हे शंख!
अपने ऊपर ताज सजाकर,
राजा मै बन जाऊँ!