भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला / लक्ष्मण मस्तुरिया

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:26, 28 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मण मस्तुरिया |संग्रह= }} {{KKCatGeet}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला
तोर गांव के तोर काम के तोर नाम के पता देजा
पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला

का तोर गांव के पार दिवाना
डाकखाना के पता का
नाम का थाना कछेरी के तोरे
पारा मोहल्ला जघा का
को तोरे राज उत्ती बुड़ती रेलवाही का हवे सड़किया

पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला

मया नि चिन्हे रे देशी बिदेशी
मया के मोल ना तोल
जात बिजात ना जाने रे मया
मया मयारू के बोल
काया माया सब नाच नचाये
मया के एक नजरिया

पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला

जियत जागत रईबे रे बैरी
भेजबे कभुले चिठिया
बिना बोले भेद खोले रोये
जाने अजाने पिरितिया
बिन बरसे उमड़े घुमड़े जीव
मया के बैरी बदरिया

पता देजा रे पता लेजा रे गाड़ीवाला