भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पनही पहिरि चमाचम चन्दा / बघेली

Kavita Kosh से
Dhirendra Asthana (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:16, 20 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बघेली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatBag...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पनही पहिरि चमाचम चन्दा कन्धा मा डारे नोय
जेहि घर देखइ सुन्दर धनिया गौवइं दुहैं भिनसार
छाड़ि दे चन्दा बजनी पनहिया छाड़ि कन्धा के नीय
छाड़ि दे चन्दा गउवइं दुहाउब डाटत विदेशी लोग
ना हम छांड़ब बजनी पनहियां ना कांघा कै नोय
ना हम छोड़ब गोवैई दुहाउब काहे डाटत विदेशी लोग
सात बिआही नौ उढ़री सोरह सखी कुंवारि
एतने मा ना भावइ चन्दा गेल्ही लाउ उढ़ारि