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पशु जिसमें दुःख न करै, पंडित उसमें दुःख भरै / सरहपा
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पशु जिसमें दुःख न करै, पंडित उसमें दुःख भरै,
...स्थिरचित्त से परमार्थ करै, (तो)
विषयविषयी अमृत हो जाए,
...वर्णभेद से बंधन न जीर्ण कहै,
मूढ़ रतन परीक्षा न जानै।
पंडित राहुल सांकृत्यायन द्वारा अनूदित