भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पहाड़ अर देवता / हरीश हैरी

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:30, 27 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीश हैरी |अनुवादक= |संग्रह=थार-सप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लोग देवतावां नै
मनावण सारु
पहाड़ां माथै
जा चढ्या
देवता तो मानग्या
पहाड़ पण मान्या कोनी
पहाड़ा दाब मारया लोगां नै
देवता नेड़ै नी आया!