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पिंजरा टूटी गयो रमा उड़ी गयो मायु / कोरकू

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पिंजरा टूटी गयो रमा उड़ी गयो मायु
पिंजरा टूटी गयो रमा उड़ी गयो मायु
रामा सरिका बोले रे बेटा म्हारो कलेजा टूटे
पेप रे पाला जोमेडो में माडो इयां बेटी
रेपे रेपे मांडिये
पान सुपारी जोमे डो इयां बेटी
रेपे रेपे मांडिये
काली ग्वाली किटी टाला
डून्डा ओड़ा टेगेन डो माय मारे
डून्डा ओड़ा टेगेन डो माय मारे
डून्डा ओड़ा चूटी तीये
रामा चाचू बनजा बेटा
आमा रानी का बोली वा जा बेटा मारे

स्रोत व्यक्ति - जगनसिंह, ग्राम - झापा