भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पीहू पुकारै पीहू पुकारै / पँवारी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:44, 20 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=पँवारी |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पीहू पुकारै पीहू पुकारै
आठज कमलिया आठज कमलिया
ओढ़अ लेजो न्याल्ही तोषक रे।।
अलोपी की करना अलोपी की करना
सब सजन मिल घेरऽ लेओ रे।।