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पुरवैया के झोंके आये / रविन्द्र जैन

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पुरवैया के झोंके आये
चन्दन बन की महक भी लाये
दूर वो निन्द्या रानी मुस्काये
मूँद लो नैना तो नैनों में आ जाये
पुरवैया के झोंके आये

नींद की दुल्हन बड़ी शर्मीली
उजियारे में न आये
कोई जो चौंके कोई कुछ बोले
तो रस्ते पे मुड़ जाये
दीप बुझा दो तो पल भर में आ जाये
मूँद लो नैना तो ...

नींद की चिन्ता ले के जो जागे
उसको नींद न आये
फूल सा मनवा ले के जो सोये
उसको ही नींद सुलाये
छोड़ दो चिन्ता तो पल भर में आ जाये
मूँद लो नैना तो ...