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प्यार कह दूँ? / कविता भट्ट

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आहों से जीवन उद्गीत उनका!
क्या उँगलियों के उपकार कह दूँ?

बीती प्रतीक्षा, अब संगीत उनका !
क्या तन वीणा की झंकार कह दूँ।

विरहशीत बीता, मधुगीत उनका!
क्या भँवर के फेरे गुँजार कह दूँ?

फूलों में चटख, मनप्रीत उनका!
होंठो से छू ले तो प्यार कह दूँ?

पंखुड़ी के होंठ, मनजीत उनका!
क्या गर्म चुम्बनों के संचार कह दूँ?

कभी जो न छूटे मनमीत उनका!
चरणों में सब सुख संसार कह दूँ?

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