भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है / हस्तीमल 'हस्ती'
Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:56, 17 जून 2020 का अवतरण
प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है
नये परिंदों को उड़ने में वक़्त तो लगता है
जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था
लंबी दूरी तय करने में वक़्त तो लगता है
गाँठ अगर लग जाए तो फिर रिश्ते हों या डोरी
लाख करें कोशिश खुलने में वक़्त तो लगता है
हमने इलाजे - ज़ख्मे-दिल तो ढूँढ़ लिया लेकिन
गहरे ज़ख़्मों को भरने में वक़्त तो लगता है