भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्रतिकार / मंगलेश डबराल

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:48, 18 अप्रैल 2012 का अवतरण

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जो कुछ भी था जहाँ-जहाँ हर तरफ़

शोर की तरह लिखा हुआ

उसे ही लिखता मैं

संगीत की तरह ।

(रचनाकाल : 1999)