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प्रथम मास आषाढ़ हे सखि साजि आयल जलधार हे / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

प्रथम मास आषाढ़ हे सखि साजि आयल जलधार हे।
राजा दशरथ वचन कारण कैकइ देल बनवास हे॥
साओन हे सखि सर्व सोहाओन एक तेॅ राति अन्हार हे।
शोक करलथिन माता कौशल्या राम गेल वनवास हे॥
आसिन हे सखि आस लागाओल सबके पुरियौ आस हे।
एक नै पुरै जों तेॅ रानी केकइ के देलखिन वनवास हे॥
कातिक हे सखि पर्व लगतु हैं सब सखि गंगा स्नान हे।
रथ साजल ठाढ़ लछुमन करत जे रङ-रङ खेल हे॥
अगहन हे सखि अग्र सोहाओन चहुदिश उपजल धान हे
राजा दशरथ घरमे पड़ला तेजि देलखिन प्राण हे॥