Last modified on 1 अक्टूबर 2016, at 21:06

प्रार्थना / लक्ष्मीशंकर वाजपेयी

Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:06, 1 अक्टूबर 2016 का अवतरण (लक्ष्मीशंकर वाजपेयी जी की कविता)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

उन सारी प्रार्थनाओं का मतलब क्या है
जिनके होने के बाद भी
वही सब होता रहे
जिसके न होने के लिए
की जाती हैं प्रार्थनाएँ
मैं एक कोशिश और करता हूँ
और प्रार्थनाएँ सुनने वालों
और करता हुँ प्रार्थना
कि प्रार्थनाएँ
कभी बेकार न हों!