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फूलों का संसार अनोखा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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जागो बेटा उठ कर देखो
बगिया कैसी महक रही
खिले फूल हैं रंग बिरंगे
तितली उन पर बैठ रही

है गुलाब फूलों का राजा
लाल गुलाबी खिला हुआ
पीला और श्वेत रंग का भी
फूल आज तो खिला हुआ

फूलों का संसार अनोखा
इनकी शोभा का न पार है
हर मनुष्य से इनका नाता
प्रभु को इनसे अधिक प्यार है

इन पर भौरे मंडरायेगे
गुनगुन गाना गायेंगे
शीश हिलाकर फूल इन्हें भी
अपने पास बुलायेंगे