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बातचीत / जय गोस्वामी / रामशंकर द्विवेदी

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बात करने के प्रयास में
आकाश ने
खिला दिया है एक तारा

और दूसरा तारा
तुम्हारे उत्तर ने —

हाँ,
मैं कल आ रही हूँ,
दोपहर के बाद

मूल बाँगला भाषा से अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी