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बादल फाट्यो, चन्द्रमा हाँसी / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा

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बादल फाट्यो, चन्द्रमा हाँसी स्वर्गमा सुहाए,
साथमा तारा भएका शशी झयालमा चिहाए।
बादल मिल्यो, सधैँका निम्ति मदन निदाए,
भोलि ता फेरि छर्लङ्ग भयो श्रीसूर्य उदाए।