भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बाबा नागार्जुन की एक याद / भारत भारद्वाज

Kavita Kosh से
गंगाराम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:04, 16 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारत भारद्वाज |संग्रह= }} Category:कविताएँ <Poem> दिल्ली ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


दिल्ली में रहते हुए भी
बाबा
कभी नहीं तुम आए बंगाली मार्केट

गीता मन्दिर के सामने वाली गली में
तुमने नहीं देखा-
बच्चा गुलमोहर

कश्मीर के निशात, शालीमार और हर्मन गार्डन में
तुम उछल पड़ते थे बच्चा चिनार
और मैगनोलिया देखकर

अब वे वृक्ष ज़रूर बुजुर्ग हो गए होंगे
उन्हें तो पता भी नहीं होगा कि
कभी हिन्दी के एक बड़े कवि ने प्यार से उन्हें सहलाया था

अब बच्चा गुलमोहर
अमलतास को कौन सहलाए
वे कर रहे हैं तुम्हारा इन्तज़ार
शायद कभी तुम आओ