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बी.एच.यू. की छात्राओं के प्रति / ज्ञान प्रकाश सिंह

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वह कौन बैठा है वहाँ, बंशी बजाता चैन की
जल रहा उद्यान विद्या का, लेकिन उसे चिंता नहीं।
लाठी चार्ज करवाया, निहत्थी छात्राओं पर
तुम उस नीरो की बंशी तोड़ यदि देती तो बेहतर था।

उठाओ शस्त्र तुम अपने, ले लो कमान हाथों में
चलाकर तीर भीषणतम, मिला दो उसको मिटटी में।
जड़ों से नष्ट कर देना, पनपने फिर नहीं पाए
तुम उस हिटलर का सिंहासन, हिला देती तो बेहतर था।

बहुत आक्रोश है तुम में, इसे मत व्यर्थ जाने दो
पुकारो मत किसी को भी, किसी की राह मत देखो।
उस आततायी दुःशासन से, अकेले तुमको लड़ना है
तुम आगे बढ़ निरंकुश को, कुचल देती तो बेहतर था।

उत्पीड़न सहे अब तक, मगर आगे न सहना है
उसकी सैन्य रचना का, ये घेरा ध्वस्त करना है।
सुजनता छोड़ गर्वीले को, चकनाचूर कर दो तुम
नहीं कम हो किसी से तुम, दिखा देतीं तो बेहतर था।
 
(21सितम्बर 2017 को बी.एच.यू. की छात्रा के साथ बाइक सवारों की छेड़खानी के विरुद्ध बी.एच.यू. की छात्राओं के आन्दोलन के समय 23-9-17 को छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के बाद उग्र हुए आंदोलन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने 35 राउंड से अधिक हवाई फायरिंग किया। सैकड़ों पुलिसवाले बीएचयू की सड़कों पर लाठी बरसाते दौड़ रहे थे। छात्रायें बचाओ बचाओ की गुहार लगा रहीं थीं लेकिन लाठी चलाने वाले आपा खो चुके थे।)