भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मात-पिता-गुरु-भक्ति / हनुमानप्रसाद पोद्दार

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:27, 10 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार |अनुवादक= |...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 मात-पिता-गुरु-भक्ति, एकपत्नीव्रत पावन।
    भ्रातृप्रेम, शरणागतवत्सलता मनभावन॥
 परम मधुर सौन्दर्य काम-शतकोटि-लजावन।
    त्याग, शान्ति, वैराग्य, ज्ञान मुनि-चित लुभावन॥
 शौर्य-नीति-बल-तेज शुचि उपजावत मन हर्ष है।
     दुष्ट-दलन, सेवक-सुहृद राम परम आदर्श है॥