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मिलन / सुधा ओम ढींगरा

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शोख रंगों में
नये -खिले फूलों ने
धरती को फुलकारी ओढ़ा
फूलों की रंगोली बना
बसंत उत्सव के
स्वागत की
तैयारी कर ली.
ऋतुराज ने भी
मुस्करा कर
बसंत ऋतु को
बांहों में भर लिया
पूरे बरस की विरह
के बाद
मिलन था ना .