भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरा देश महान / शिवशंकर मिश्र

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:01, 22 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवशंकर मिश्र |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

साँसों से आँधी उठती है, आहों से तूफान
और एक पत्ता न खड़कता, मेरा देश महान
राजनीति अलमस्त , प्रशासन भ्रष्टर, रीढ़ से हीन
कफन ओढ़कर सोयी जनता, मेरा देश महान
जो अतीत था, वर्तमान जो है, भविष्यो जैसा है
बस न काल का इस पर चलता, मेरा देश महान
आजादी की जय- जय बोलो, लोकतंत्र की जय-जय
गुंडाशाह फूलता-फलता, मेरा देश महान