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मैं भी अमेरिका का गीत गाता हूँ / लैंग्स्टन ह्यूज़ / विनोद दास

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मैं भी
अमेरिका का
गीत गाता हूँ

मैं भी भाई हूँ, लेकिन काला
जब कोई मेहमान आता है
वे मुझे रसोई में
खाना खाने के लिए भेज देते हैं ।

मैं हँसता हूँ
और खूब खाता हूँ
और मजबूत बनता हूँ ।

कल
जब फिर मेहमान आएँगे
मैं मेज़ पर बैठूँगा
तब कोई मुझसे यह कहने की
ज़ुर्रत नहीं करेगा —
रसोई में जाकर खाओ ।

इसके अलावा
वे देखेंगे
कि मैं कितना सुन्दर हूँ
और वे शर्मिन्दा होंगे
मैं भी अमेरिकी हूँ ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास
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यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ