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मैंने तुम्हें देखा ढाई बरस बाद / डोरिस कारेवा / तेजी ग्रोवर
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ढाई क्षण के लिए
मैंने तुम्हें देखा
ढाई वर्ष के बाद ।
आँख की वह झपक
मेरी नज़र में जलती है,
मारक,
और पुनः
सब नए में बदलती हुई ।
बिजली की कौंध,
भूचाल,
और सैलाब एक साथ
एक ही क्षण ।
मैं
हल्लो तक नहीं कह पाई ।
तुम्हारी विचित्र उदास दीप्ति
चमकती तलवार-सी
भेदती है मुझे ।
दुनिया,
दुनिया तो पास से
गुज़र जाती है, बस ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : तेजी ग्रोवर