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युवक का मृत देह — शमशान में / नवारुण भट्टाचार्य / मीता दास

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मैं केवल युवक हूँ
मेरे ख़ून में था एक चीता या बाघ
हड्डियों में था गन्धक
तीसरे प्रहर में मैं
नक्षत्र की तरह उगता था

मैं केवल युवक हूँ
मायावी होने को मैं
सारे देह में लिपटाए रहता हूँ
बुलेट का दखल निर्धारित-सा किया है
अपनी छाती पर

क्या राशन कार्ड में थी मेरी मृत्यु ड्यू?

मैं केवल युवक हूँ
जीवित रहते हुए राष्ट्र से छुपता रहा
मृत्यु के बाद राष्ट्र मुझे यहाँ ले आया छुपाकर।

मूल बांग्ला से हिन्दी में अनुवाद : मीता दास