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राज़े-दिल फ़ाश किया मैंने मिरी साक़ी पर / सौदा
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राज़े-दिल फ़ाश किया मैंने मिरी साक़ी पर
कुछ न देखा मैं बजुज़ पर्दादरी शीशे में
दिल में जिस रंग से ’सौदा’ के गुज़रती है लहर
मौजै-मै कर न सके ज़ल्वागरी शीशे में