भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रामचरित / शब्द प्रकाश / धरनीदास

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:04, 21 जुलाई 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धरनीदास |अनुवादक= |संग्रह=शब्द प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

धनि दशरथ राज कोशल्याजी, धरनी जिन राम दियो अवतारा।
धनि अवधपुरी धनि लकवन भर्थ, शत्रुघ्नधनी धतिज्ञान विचारा॥
सुग्रिव अंगद और जमवान हनुमन्त जो सैनहियार उतारा।
मारि दशानन थापि विभीषण, सीप समेत मिलै परिवारा॥24॥