भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लपकि कै मारौ गुलेल तोरे पागा / बघेली

Kavita Kosh से
Dhirendra Asthana (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:09, 20 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बघेली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatBag...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लपकि कै मारौ गुलेल तोरे पागा मा
उलटि कै मारों गुलेल तोरी बेंदी मा
कठला लागै धिरिर तोरी तैती मा
भंवरा मांगे बसेर तोरी चोली मां
उलटि कै तोरा लालन केसरइया