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वसंत में बच्चे / कुमार सुरेश

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अब नया चलन चला है जिसमे
फरवरी में ही परीक्षा हो
अगली कक्षा के लिए स्कूल
मार्च में खुलने लगे हैं
इसलिए जब गर्मियों की छुट्टियाँ होती हैं
बच्चों के पास यह मज़ा नहीं रहता कि
छुट्टियों के बाद जब खुलेगा स्कूल
वे अगली कक्षा में जाएँगे
वसंत के मौसम में ही अगली कक्षा में बैठने लगते है
जो हालाँकि इस लिहाज से ठीक भी है क़ि
इसी मौसम में बहुत कुछ नया
पेड़ों और पक्षियों के साथ भी होता है
 
गर्मियों की शुरुआत की सुबह
नयी चुनौती के लिए तैयार हो रहे होते हैं
बच्चे पेड़ और आसमान
बच्चे कक्षा के भीतर जाते हुए
उतने ही ताज़े लगते हैं
जितने नयी पत्तियाँ पहने हुए पेड़
हालाँकि अभी छोटी ही होती हैं वे
इसलिए उन्हें पहन कर
निर्दोष नग्न ही दिखाई देते हैं

रेसिस में खेलते हुए बच्चे
उतने ही सावधान लगते हैं
जितने पक्षी
धूप से बच कर
तिनके इकट्ठा करते हुए
मासूम और जिम्मेदार
एक साथ दिखाई देते हैं

इस मौसम का यह भी मज़ा है दिलचस्प
ठण्ड विदा हो जाती है
इसलिए
धौल-धप्पा करने,गलबहियाँ डालने
एक दूसरे को छूने बतियाने की स्वाभाविक सुविधा हो जाती है

दुनिया के बहुत से आश्चर्यजनक समाचार
इसी मौसम में जन्म लेते है
जिन्हें एक-दूसरे तक जल्दी पहुँचाना
बहुत ज़रूरी होता है
कहीं मधुमक्खी का छत्ता लगा हो
देखी गई हो अलग रंग की
रोशनदान पर चढ़ कर देखा गया चिड़िया का अंडा
उड़ना सीखने की कोशिश करता नन्हा चिरौटा
फिर फूल भी तो इस मौसम में कितने ही रंग के
अजब ढंग के खिलते हैं
इनके बारे में बात करने के लिहाज से भी
यही मौसम सबसे अनुकूल होता है

छोटे कस्बों में बदस्तूर
डाक-टिकट
माचिस क़ि डिब्बियाँ
अनेक तरह की दिलचस्प दौलत
इकटठा करने का समय होता है यह
इस समय ठण्ड और गर्मी दोनों इतनी नहीं होती
कि बच्चों के बाहर निकलने पर ज्यादा रोक-टोक की जाए

नयी किताबों पर नए कवर
क़ी तरह
बच्चों के सपनों पर भी नया रंग चढ़ता है
उड़ने वाली साईकिल और रंगीन रेलगाड़ी
देखने का समय यह
अक्सर बच्चों के पंख भी उग आते है

पहले के वसंत से अलग आजकल
बच्चे परेशान भी देखे जाते है
हालाँकि इसमें माँ-बाप या शिक्षा मंत्री की
किसी योजना का हाथ होता है
वसंत के पास बच्चों को परेशान करने क़ी
कोई योजना नहीं होती