भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वह मित्र / भारत यायावर

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:28, 9 अक्टूबर 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारत यायावर |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वह रोते हुए लोगों को हँसा देता है
वह मासूम सा हरपल ही दिखा करता है

कोई नश्तर की तरह जख़्म से भर देता है
वह मरहम सा हर घाव सुखा देता है

कोई अकड़ता है और उबलता है
वह पर्वत को भी चुपचाप झुका देता है

कोई दरिया की तरह तेज़ बहा करता है
वह जूझते नाविक को दुआ देता है

वह दिल से लगाता है मेरी यादों को
कोई मिलता है बहुत बार,भुला देता है

कोई सुलाने की कोशिश में लगा रहता है
वह हर बार मिलते ही जगा देता है