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विवशता / अरविन्द श्रीवास्तव

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वह धीरे से सरका
क़रीब आया
हल्की मुस्कान के साथ
दबी किन्तु सख़्त जुबान मे बोला-
'स्मैक लोगे?'

मै कहता नहीं
तो भी मुझे लेना पड़ता ।