भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वो कौन है वो क्या है जो इस दिल में छुपा है / मयंक अवस्थी

Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:44, 7 दिसम्बर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मयंक अवस्थी |संग्रह= }} {{KKCatGhazal}} <poem> व...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज



वो कौन है वो क्या है जो इस दिल में छुपा है
जैसे कि कोई साँप किसी बिल में छुपा है

क्यूँ दौड़ के आती हैं इधर मौजें मुसल्सल
क्या कम है समन्दर में ,जो साहिल में छुपा है

इक रूह बुलाती है अनासिर के क़फ़स से
पर होश किसी ख्वाब की महफिल में छुपा है

सीने को मेरे संग वो होने नहीं देता
कुछ मोम के जैसा भी इसी सिल में छुपा है

मैं कैसे दिखाऊँ कि वो लफ्ज़ों से बना है
इक तीर जो इस सीना ए बिस्मिल में छुपा है

धड़कन वो मेरी छू के परख़ता है, पलट कर
इक खौफ़ अभी तक मेरे कातिल में छुपा है