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शराब कम है मैकदे में, अब्र बरसेगा / शर्मिष्ठा पाण्डेय
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शराब कम है मैकदे में, अब्र बरसेगा
आसमां रहनुमा तेरा , साकिया दम ले ले
बंटती जायेगी बराबर न होगी कम-ज्यादा
होशमंद पैमाना तेरा, साकिया दम ले ले
इतनी छलकेगी समंदर भी होगा हैरत में
चलन में ज़माना तेरा , साकिया दम ले ले
मय के हर एक कतरे पे है नाम तेरा लिखा
प्याला-प्याला अफसाना तेरा, साकिया दम ले ले
ज़रा निचोड़ दुपट्टा के रिंद तरसे हैं
जलवा ये शाहाना तेरा, साकिया दम ले ले
दुआ क़ुबूल हो तभी जो वुजू मय से करें
खुदा भी दीवाना तेरा, साकिया दम ले ले
है ये मुमकिन कहाँ की सबको तू पिलाये शपा
उफ़! क़यामत बहाना तेरा, साकिया दम ले ले