भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सदाभवानी दाहिनी / बघेली

Kavita Kosh से
Dhirendra Asthana (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:20, 20 मार्च 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=बघेली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= }} {{KKCatBag...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सदा भवानी दाहिनी ए साजन हों
अरे सन्मुख गोरि गनेश
पांच देव मिलि रक्षा करैं
कि ब्रम्हा विष्णु महेश
गंगा जी भुलानी अरे हां गंगा जी भुलानी
अरे जटन मां गंगा जी भुलानी
अरे धनि महिमा शिव तोरि
जटन मां गंगा जी भुलानी