भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

समय / रोज़ा आउसलेण्डर

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:06, 9 नवम्बर 2014 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

समय
है मेरा मित्र
मेरा शत्रु
खाती हूँ मैं मधुर फल इसका
करती हूँ मैं सुरभिपान इसका ।

हर समय
हैं मेरा समय
विस्मय ।।

मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित