भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सरौता कहाँ भूलि आये प्यारे नन्दोइय़ा / अवधी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:15, 29 अक्टूबर 2013 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=अवधी }} {{KKCat...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सरौता कहाँ भूलि आये प्यारे नन्दोइय़ा
सास खाए बर्फी ननद खाए प़ेड़ा
मैं बेचारी रबड़ी खाऊन
दोना चाटे सैय्याँ -----सरोता
सास को लाये एटलस ननद को मखमल
मैं बेचारी रेशम पहनूं
टाट लपेटे सैय्याँ ------सरोता
सास म्हारी रिक्शा चाले नन्द चढ़े तांगा
मई बेचारी मोटर चालूँ
पैदल चाले सैय्याँ -----सरोता
सासू म्हारी खटिया सोवें ननन्द बिछोना
मैं बेचारी पलन्गा सौउं
भुइयां सोवें सैय्यां ---सरोता