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सिर्फ़ एक शब्द नहीं / रणजीत

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'कॉमरेड' !

सिर्फ़ एक शब्द नहीं,
बिजली की लाखों रोशनियों को एक साथ जला देने वाला एक स्विच है
जिसे दबाते ही
रंग-बिरंगी रोशनियों की एक विश्व-व्यापी कतार जगमगा उठती है !

एक स्विच, जो वाल्ट व्हिटमॅन को मायकोवस्की से
और पाब्लो नेरूदा को नाज़िम हिक़मत से मिला देता है,
मॅक्सिम गोर्की, हावर्ड फ़ास्ट और यशपाल के बीच
एक ही प्रकाश-रेखा खींच देता है !

'कॉमरेड' !

सिर्फ़ एक स्विच नहीं, एक चुम्बन है !
एक चुम्बन, जो दो इन्सानों के बीच की सारी दूरियों को
एक ही क्षण में पाट देता है
और वे इसके उच्चारण के साथ ही
एक दूसरे से यों घुल-मिल जाते हैं
जैसे युगों से परिचित दो घनिष्ठ मित्र हों !

एक चुम्बन, जो कांगो की नीग्रो मज़दूरिन
और हिन्दुस्तान के अछूत मेहतर को
एक क्षण में लेनिन के साथ खड़ा कर देता है !
एक अदना से अदना इन्सान को
इतिहास बनाने के महान् उत्तरदायित्व से गौरवान्वित कर जाता है !

'कॉमरेड' !

सिर्फ़ एक चुम्बन नहीं, एक मंत्र है
जो बोलने वाले और सुनने वाले दोनों को पवित्र कर देता है
एक मंत्र, जिसे छूते ही अलग-अलग देशों, नस्लों, रंगों
और वर्गो के लोग
एक दूसरे के सहज सहोदर बन जाते हैं !
एक रहस्यमय मंत्र
जो इंसान की आज़ादी, बराबरी और भाईचारे के लिए
कुरबान होने वाले लाखों शहीदों की समाधियों के दरवाज़े
सबके लिए खोल देता है
और साधारण से साधारण व्यक्ति उनकी महानता से हाथ मिला सकता है !

'कॉमरेड' !

दिलों को दिलों से मिलाने वाली एक कड़ी है,
शरीरों को शरीरों से जोड़ने वाली एक शृंखला है,
विषमता और भेदभाव के तपते हुए रेगिस्तान का एक मरुद्वीप है
जहाँ आकर ज़ुल्म और अन्याय की आग में जलते हुए राहगीर
राहत की साँस लेते हैं,
एक दूसरे का हौंसला बढ़ाते हैं ।