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सुरिलो रुख सल्लै हो / मदन दीपबिम

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सुरिलो रुख सल्लै हो
खोजेको तिमीले कल्लाई हो
सुसेली हाल्दै डाकेर
बोलाको तिमीले कल्लाई हो
आऊ है माया बस

चिनजान हाम्रो भाछैन
घरबार कहाँ हो थाहा छैन
नमानी भन्देऊ के झर्को
कहाँ बस्छौ तिमी के थर को
आऊ है माया बस

लाएर माया पछिलाई
पार्छौ कि तिमीले अभर
भोलिको दिन सधैं नै
बस्नु पर्छ कि रोएर
आऊ है माया बस

शब्द, संगीत – मदन दिपबिम
स्वर – ममता दिपबिम