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सैकट में पड़लै हिन्दुस्तनमा हो तुलसी के रामा / अनिरुद्ध प्रसाद विमल
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सैकट में पड़लै हिन्दुस्तनमा हो तुलसी के रामा
सिंह सृग पीयै छेलै एक्के घाट पानी हो
सकल खूशियाली छेलै तनियो नै बेमानी हो
जग में देल्हौ समता के दर्शनमा हो तुलसी के रामा
धरमोॅ के राज गेलै, पापोॅ के राज ऐलै
भ्रष्टाचार घूसखोरी भारतोॅ में बढ़ी गेलै
केना होतै भारत के निरमनमा हो तुलसी के रामा
धोबी के कहला पर तोंय सीता केॅ त्यागी देलौं
पितृ वचन खातिर राजोपाट छोड़ी देल्हौ
तनियो नै सुख पर देल्हौ धियनमा हो तुलसी के रामा
जनम ले कॅ फेरू भगवन भारत में आवो हो
सिंहासन लैॅ झगड़ा केॅ तोंही मिटाबो हो
व्याकुल छै विमल के परनमा हो तुलसी के रामा