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हरे नोटिस आयारे राजा राम का / निमाड़ी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

    हरे नोटिस आयारे राजा राम का,
    आरे तामील कर लेना

(१) जमपती राजा आई बैठीयाँ,
    अरे बैठीया पंख पसार
    हंसराज को हो लई गया
    लईगया स्वर्ग द्वार....
    नोटिस आयारे....

(२) काया सिंगारी राई आगणा,
    झुरी रया सब लोग
    साज बाज घर बाजी रयाँ
    उड़े रंग गुलाला....
    नोटिस आयारे.......

(३) माता रोवे रे थारी जलमी,
    बईण वार त्योहार
    तीरया रोयवे थारी तीन घड़ी
    दुसरो घर बार....
    नोटिस आयारे.......

(४) कहत कबिर धर्मराज से,
    साहेब सुण लेणा
    अन्त का परदा हो खोल के
    जीनको अन नी पाणी....
    नोटिस आयारे....