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हीरा हेरा गेल / इंदिरा भारती

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देखs भुंइयाँ में चान उतर आएल सजना
आई ऋण-झुन झुनक झुन बाजे कंगना।
सतरंगी रंज में भिंजल हए धरती
गाँओ-गाँओ टोला-टोला सींचल हए परती।
चउकोनी चुनरी में कहानी मेढ़ल तार
सुर ! ताने पूरबइआ के साज सजना। देखs ...
पुरइन के पट्टा पर, ओस ओंघराएल
मध पीले भौंरा, हए आई बौराएल
महुआ के डाल पर बइठल मयुरनी
ओकरो हए पंख फहराएल सजना। देखs ...
घोघ ताने घिकुरल हए आई भगजोगनी
खिड़की से झाँकइअ, लुक-झुक तरेगनी
सितुआ के सादी में घोंघा बराती
कइसे बजबइअ बेंग बजना। देखs ...
मेघबो हए तनले श्रंग समियाना
दिने से झिन्जुर मंगइअ बेआना
चिऊंटी आ पिपरी के झुण्ड झटकइत हए
पेन्हे बगुलिया सोना के गहना। देखs...
मोती के अँगना में हीरा हेराएल
खोजेला ओकरा तs सब बउराएल
चांदनी नेहा रहल दुधिया के धार में
भारती के आई भरल अँगना।
देखs भुंइयाँ में चान उतर आएल सजना
आई ऋण-झुन झुनक झुन बाजे कंगना।