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हो डपु, ज़मनो तोखे भी मूं खां जुदा न करे! / एम. कमल
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हो डपु, ज़मनो तोखे भी मूं खां जुदा न करे!
इहो ई नेठि थियो जो चयुमि, खुदा न करे॥
पुठीअ पुठीअ ते लिखियलु आ, फ़सानो घावनि जो।
छुरीअ छुरीअ ते छपियलु आ, कोई वफ़ा न करे॥
ज़बाँ ते आणि न तूं सभु मामला दिल जा।
खुली मिलणु किथे पैदा मुफ़ासिला न करे॥
बिना लिखति जे रखियमि ख़्वाब उस वटि गिरवी।
खु़दा करे फिरी अंजाम तां दग़ा न करे॥