अधूरी चीज़ें तमाम
दिखती हैं
किसी भी मोड़ पर.
करवटों में मेरी.
अधूरी नींद में.
हाथ जब लिखने लगता है कुछ,
जब उतर आती है रात.
अधूरी चीज़ें तमाम
दिखती हैं
किसी भी मोड़ पर.
करवटों में मेरी.
अधूरी नींद में.
हाथ जब लिखने लगता है कुछ,
जब उतर आती है रात.