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ईश्वर एक ऐसी चीज़ है उस्ताद / मनोज सुरेन्द्र पाठक

ईश्वर एक ऐसी चीज़ है उस्ताद
जो पहरेदार है तुम्हारे सद्विवेक के ख़ज़ाने का
या अभय का अड्डा
तुम्हारे किए-अनकिए पापों का
वह बिजूका है
तुम्हारी झुलसी हुई फ़सलों के
खेत में खड़ा
या पार्टनर
गोरखधन्धे का

ईश्वर एक आसान उत्तर है
जब तुम थक जाते हो
या एक जम्हाई
तुम्हारे आलस्य की

वैसे वह एक अटल मोहर है
तुम्हारे ललाट पर मारी हुई
या एक कठपुतली
तुम नचाओगे वैसे नाचने वाली
या नाचोगे वैसे नचाने वाली

मूल मराठी से अनुवाद : सरबजीत गर्चा