कएला छोड़ क जाइत हतऽ
हमरा बनमा घोर में
पइसा के होड़ में न ....
मुखरा देखेला हम तरसब
बात तोहर सुनेला तड़पब
हम्मर ई आँख त हरदम
भीजल रहत लोर में
कएला छोड़ क जाइत हतऽ
हमरा बनमा घोर में ...
ननदी हमरा ताना मारत
आ सासू बढ़नी से मारत
गोतनी चढ़ा-उतरी करत
अधरतिया-भोर में
कएला छोड़ क आइत हतऽ
हमरा बनमा घोर में
तू अब नोकरी-चाकरी छोड़ऽ
एना आपन मुंह न मोड़ऽ
अब हम करब गुजारा
रुपइया-पइसा थोर में
कएला छोड़ क जाइत हतऽ
हमरा बनमा घोर में।