जागोॅ बीर जवान देश के / सियाराम प्रहरी
जागोॅ बीर जवान देश के
जागोॅ वीर जवान
धरती मांगै छौं तोहरा से
तन मन जीवन प्राण
जागोॅ तोहरा भारत के अभिमान जगाना छौं
जागोॅ तोहरा स्वर्णिम स्वर्ण विहान बुलाना छौं
जागोॅ तोहरा अर्जुन के गांडीव डठाना छौं
जागोॅ तोहरा ही गीता के ज्ञान सुनाना छौं
धरती पर छौं स्वर्ग बसाना
हे धरती के प्राण
चारो दिस छै त्राहि त्राहि छै मूक कंठ के वाणी
चारो ओर उदासी फैलल करूणा भरल कहानी
चारो दिस छै भूख प्यास मरूऐलोॅ लगै जवानी
विकल प्राण छै बेबस जीवन विकल आँख के पानी
तोहरा कहिया लेॅ होथौं
ई करूणा के पहिचान
कहिया लेॅ अन्हरिया मिटतै कहिया जोत पसरतै
कहिया लेॅ ई अपनोॅ धरती हँसतै आरो गैतै
कहिया लेॅ दुख मिटतै हमरोॅ कहिया सभ्भे जगतै
कहिया रात अन्हरिया मिटतै कहिया मन हरसैते
जागोॅ जागोॅ वीर पहरूआ
होना छौं वलिदान